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कौन है?-

पुराने महल का बाहरी नजारा देखकर सहम जाने वाली मार्गरिटा की आँखें गर्भगृह के आलीशान रूम में दाखिल होते ही चौधिया गई। यह सिर्फ कमरा नहीं बल्कि किसी राज घराने की हवेली का आरामगाह था। दीवारे तरह-तरह के प्राणियों के कलात्मक बुत से सुशोभित थी। छत पर कांच का बड़ा सा झूमर झूल रहा था। दीवारों में ही कहीं-कहीं ऐसे स्तंभ बने हुए थे जिसमें पूरी की पूरी आदम कद की मूर्तियां समाई हुई थी। ठीक सेंटर में विशाल डबल बैंड था जिसमें चार-पाँच इंसान आराम से सो सकते थे। बेड के ठीक पीछे वाली दीवार पर एक राजा की मूर्ति बनी हुई थी। जिसमें महाराज अपने सिंहासन पर विराजमान थे। उनके माथे पर बड़ी पगड़ी और दोनों हाथ सिंहासन के पायो पर रखे हुए थे। छोटी-छोटी मुछे जो तेजस्वी चेहरे पर काफी जच रही थी। उनके मस्तक के ऊपरी हिस्से में काले अक्षरों में महाराज का नाम लिखा गया था। महाराज भानु प्रताप सिंघ। इसी मूर्ति के ठीक सामने महारानी यशो नंदिनी की मूरत थी। बाकी की दो दीवारों में भी आमने-सामने युवा स्त्रियों के आकर्षक पुतले एक दूसरे को जैसे घूर रहे थे। दोनों नारी प्रतिमाओं के नाम का कोई भी ब्यौरा कहीं नहीं मिलता था। 'बड़ी ही ताज्जुब की बात है।' मार्गरिटा अफसोस के साथ मन ही मन बोली थी। इस जगह की सबसे खास बात थी----उस कमरे में फैली फानूस की आकर्षक रोशनी। जिसने अपने रक्तिम प्रवाह से कोने कोने को वशीभूत कर रखा था। एक छोटे से गोखले में अपनी पूरी ताकत लगा कर फानूस जगमगा रहा था। "पूरी दुनिया बिजली की रोशनी से चकाचौंध है और आज भी इस पुराने महल की धरोहर को फानूस से जगमगाया जा रहा है, कितनी शर्मनाक बात है?" काफी देर से कमरे को घूर घूर के देख रही मार्गरिटा बोल उठी थी। "महाराजा भानुसिंघ जी का कार्य काल काफी इंटरेस्टिंग रहा होगा हैं ना आरव?"   "हांँ, बहुत ही रहस्यमई जीवन गाथा है उनकी। उसकी बात हम फिर कभी करेंगे फिलहाल तुम इस कमरे में आराम करो। मुझे थोड़ा काम है।"  "वैसे तुम कहाँ सोओगे?" मार्गरिटा ने अपने आसपास दीवारों में बने पुतलों को देखते हुए पूछा था। "इस महल में और भी बहुत सारे कमरे हैं। कहीं भी सो जाऊंगा। और एक बात। यहाँ जो भी आता है अपनी मर्जी से आता है लेकिन अपनी मर्जी से जा नहीं सकता। इसलिए बाहर जाने की उम्मीद मत रखना। तुम बस रोहित के लिए कोई अच्छा पैंतरा सोचो जिससे उसकी सारी हेकड़ी उतारी जाये। मैं उस मंजर को देखने के लिए काफी उत्सुक हूँ।" वह दरवाजा खोल कर बाहर चला गया। मार्गरिटा को एहसास हुआ रोहित की हकीकत तो फिर भी अच्छी थी लेकिन इस आलीशान कैद खाने में पुतलों के बीच रहने में उसका दिल काफी घबरा रहा था। मार्गरिटा की जिंदगी उसके लिए एक उलझी हुई पहेली बन कर रह गई थी। उसकी समझ में कुछ भी नहीं आ रहा था। कल क्या होने वाला है? कुछ भी नहीं कह सकती थी।  "तुम जानती हो मार्गरिटा।" एक खूबसूरत स्त्री सोचती है उसका फायदा उठाने वाला सबसे बड़ा दुश्मन उसका अपना बॉयफ्रेंड या पुरुष हमसफ़र होता है। मगर यह सरासर गलत है। एक खूबसूरत स्त्री भी दूसरी स्त्री की कट्टर दुश्मन हो सकती है। यह बात तुम जल्द ही जान जाओगी।" कहते हुए आरव के भेस में रहा बहरूपिया वहां से छूमंतर हो गया। झुंझलाई हुई मार्गरिटा अपनी किस्मत को कोसती हुई बेड पर बैठ गई। उसको इस वीरान कमरे में नींद कहाँ आने वाली थी!"


"क्या कह रहे हो तुम?" मोबाइल के स्पीकर से निर्मोही की आतंकित आवाज बाहर आ रही थी। "मैंने जैसा कहा था वैसा ही हुआ?" "हाँ, बिल्कुल वैसा ही हुआ है।" आरव ने बताया, तुम्हारा मजाक सच हो गया। वह सचमुच मेरे बाइक के पीछे बैठ गई थी। अचानक कुत्ता रास्ते में आ गया तो मैने बाइक को ब्रेक लगाई थी। ठीक उसी वक्त वह गाडी से उतर कर फार्महाउस की और आगे बढ गई। मै भी मानने वाला नही था। उसके पीछे पीछे गया। लेकिन उसने तो मुझे चारोखाने चित्त कर दिया।" "अच्छा?" "ऐसा क्या किया उसने?" "यार मुझे पहले से ही डाउट था कि वह कोई इंसान नही बल्कि रूह होगी। यकीनन वह रूह ही थी। मैं उसके पीछे ही था कि उसने एक गहरे कुएँ में छलांग लगा दी। पानी मे गिरने की आवाज सुनकर मैं हडबाया। संभतला उससे पहले एक गड्ढे में गिर पडा। गड्ढे से बाहर निकलने की कोशिश में उलझा था कि तभी मैंने फार्महाउस से किसी की आवाज सुनी।" अच्छा? कौन था वह? क्या उसने तुम्हें गड्ढे से बाहर निकाला?" "वह क्या खाक निकालती? वह मार्गरिटा थी उसके साथ मेरा ही नाम लेकर कोई बहरूपिया बात कर रहा था!" "ओह माय गोड! ऐसा कैसे हो सकता है?"  "ऐसा ही हुआ है। बात वहीं नही अटकती, वह बहरूपिया मेरी ही आवाज़ में मार्गरिटा को झांसा देकर उसे मेरी ही बाइक पे भगा ले गया, और मैं कुछ नही कर पाया।" "अच्छा हुआ तुम गड्ढे में थे। वह कोई रूह होती तो तुम्हें नुकसान पहुँचा सकती थी।" "हो सकता है, और एक खास बात तुम्हें बतानी रह गई आरव बने बहरूपिये को ये तक पता था कि मार्गरिटा और मारिया दोनो बहनो की कमर में नाग का निशान है।" "और माय गौड!"  इसका मतलब तो यही हुआ कि तुम्हें मार्गरिटा के पास फार्महाउस तक पहुँचाने वाली मारिया की रूह थी। और मार्गरिटा को वहाँ से तुम्हारी बाइक पर उडा ले जाने वाला बहुरुपिया भी कोई शैतानी रूह थी। तुम वहाँ से जितना जल्दी हो सके निकल जाओ।" "ठीक है, हम कल मिलते है। उम्मीद करता हूँ यह खौफनाक रात कोई अनहोनी लेकर न आये।" आरव ने कॉल डिस्टनेक्ट कर दी। और अब उसे चल कर अपने घर पहुँचना था। दूसरा कोई चारा भी नही था। मोबाइल की टॉर्चलाईट इस वक्त आरव के बडे काम की चीज साबित हुई। वरना अंधेरे में घर तक पहुँचना काफी मुश्किल था। भूत-प्रेत को मानना तो दूर की बात है कभी दिमाग में भी नहीं लाता था वही बला ने आज आरव के घटनाक्रम को बदल दिया था। आज उसके साथ ज़िंदगी में पहली बार ऐसा घटना घटी थी जिसके लिए वह कतई तैयार नहीं था।  अब उसे मार्गरिटा को लेकर डर सताने लगा। हकीकत से बेखबर मार्गरिटा के साथ आरव के लिए भी आज की रात कयामत से कम नहीं थी।

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1 Comments

Gunjan Kamal

27-Sep-2023 09:00 AM

👏👌

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